दोस्तों, कहा जाता है कि जहाँ कही भी राम कथा हो रही हो तो वहां हनुमान जी जरुर आते है. आपके मन में भी यही संदेह आता होगा कि क्या सच में हनुमान जी राम कथा सुनने आते है? कई बार लोग यह भी कहते है कि यदि हनुमान जी को बुलाया जाए तो क्या वे जरुर आयेंगे. तो आज आपके सभी प्रश्नों का उत्तर आपको इस कथा के माध्यम से मिल जाएगा. एक पंडित जी रामायण की कथा सुना रहे थे। लोग आते हैं और खुशी से चले जाते हैं। पंडित जी का नियम था कि कथा शुरू करने से पहले प्रतिदिन वे "ऐ हनुमान जी बिरजे" कहकर हनुमान जी का आह्वान करते थे, फिर एक घंटे के लिए प्रवचन करते थे। पेशे से वकील एक व्यक्ति रोज कहानी सुनने आता था। एक दिन तर्क ने वकील की भक्ति पर कब्जा कर लिया। उन्हें लगा कि अगर महाराज रोज कहते हैं "आओ हनुमंतजी बिराजे" तो क्या सच में हनुमान जी आएंगे! इसलिए वकील साहब ने पंडित जी से पूछा- महाराज जी, आप रामायण की कथा बहुत अच्छा बताते हैं। हमको बहुत रुची आती है, लेकिन क्या सचमुच हनुमान जी उस सिंहासन पर विराजमान हैं जो आप प्रतिदिन हनुमान जी को देते हैं? पंडित जी ने कहा... हां यह मेरा निजी विश्वास है कि