कोरोना वायरस : ओमिक्रोन का खतरा―
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने भारत में दी दस्तक ...…
कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने भारत में भी अपनी दस्तक दे दी कर्नाटक के दो लोग इस वैरिएंट से पीड़ित पाए हैं भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी है ...…
मंत्रालय ने WHO के हवाले से बताया कि है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से 5 गुना ज्यादा खतरनाक है और इसके तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है यह 29 देशों में फैल चुका है ...…
WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है !!!!!!!!!
कोरोना वायरस के बदले हुए प्रतिरूप ओमिक्रोन से संक्रमित दो मरीजों का कर्नाटक में मिलना चिंता का विषय अवश्य है लेकिन इसके बाद भी घबराने की जरूरत नहीं इसलिए नहीं क्योंकि फिलहाल इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं कि यह कोरोना वायरस कितना घातक है? ओमिक्रोन के बारे में अभी तक जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार यह कहीं अधिक तेजी से लोगों को संक्रमित करता है और युवाओं को अधिक चपेट में लेता है शायद इसी कारण 25 से अधिक देशों में फैल चुका है ...…
लेकिन इसी के साथ एक तथ्य यह भी है कि अभी उससे संक्रमित मरीजों की संख्या चार सौ से भी कम है इसकी घातकता का पता चलने तक यह आवश्यक है कि उसके संक्रमण से बचे रहने के उपायों पर जोर दिया जाए और वैसी स्थिति न बनने पाए जैसी संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान बनी थी हालांकि अभी तक ओमिक्रोन से संक्रमित मरीजों में कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखे हैं लेकिन आगे ऐसा होने का अंदेशा है ...…
इसी कारण ओमिक्रोन को दुनिया भर के लिए एक बड़े खतरे के रूप में देखा जा रहा है ऐसे में यह जरूरी है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन तत्परता का परिचय देकर इस वायरस के बारे में जरूरी जानकारी जल्द हासिल कर उससे दुनिया को अवगत कराए जानकारी जितनी सटीक होगी वह संक्रमण से बचाव में उतनी ही सहायक बनेगी ...…
भारत सरकार और विशेष रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भी अपने स्तर पर वही काम करना होगा जो विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपेक्षित है उसे राज्य सरकारों को इसके लिए प्रेरित और प्रोत्साहित भी करना होगा कि वे टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाएं यह रफ्तार बढ़े इसकी चिंता आम लोगों और खासकर उन्हें करनी होगी जिन्होंने अभी तक टीके की एक भी खुराक नहीं ली है यह ठीक नहीं कि एक बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने टीके की दूसरी खुराक समय पर नहीं ली है यह खतरनाक लापरवाही है उन कारणों की तह तक जाकर उनका निवारण करने की जरूरत है जिनके चलते लोग टीके की दूसरी खुराक लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं ...…
राज्य सरकारों को आम लोगों को इसके लिए भी सावधान करना होगा कि वे कोरोना संक्रमण से बचे रहने के उपायों को अपनाने के मामले में ढील न आने दें इसके साथ ही इस सवाल का जवाब भी खोजा जाना चाहिए कि क्या मौजूदा टीके ही ओमिक्रोन पर प्रभावी होंगे या फिर उनमें कुछ बदलाव करना होगा? इस बारे में भी जितनी जल्दी स्पष्टता हो उतना ही बेहतर कि कोविड रोधी टीके की बूस्टर डोज आवश्यक होगी या नहीं !?!?!?!?!?
कोविड रोधी टीके ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के विनिर्माण में मुख्य भूमिका निभाने वाली वैज्ञानिक ने आगाह किया है कि मानव जाति को चपेट में लेने वाला कोई अगला वायरस अधिक घातक तथा अधिक संक्रामक हो सकता है
◆ उल्लेखनीय है कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीके को भारत में कोविशील्ड नाम से इस्तेमाल किया जा रहा है।
◆ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के जेनर संस्थान में टीका विज्ञान की प्रोफेसर सारा गिल्बर्ट ने कहा कि महामारी नियंत्रण में हुई प्रगति को व्यर्थ होने से रोकने के लिए और अधिक धन तथा तैयारियों की आवश्यकता है
◆ गिल्बर्ट को टीका विकसित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया था
◆ वैज्ञानिक ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के खिलाफ टीके कम प्रभावी हो सकते हैं
◆ लेकिन उल्लेख किया कि संक्रमण और हल्की बीमारी के संबंध में सुरक्षा कम होने का मतलब यह नहीं है कि गंभीर बीमारी और मृत्यु के खिलाफ भी सुरक्षा कम हो जाएगी
◆ गिल्बर्ट ने कहा 👌🏽यह आखिरी बार नहीं है जब कोई वायरस हमारे जीवन और हमारी आजीविका के लिए खतरा बना है
◆ सच्चाई यह है कि अगला कोई वायरस और भी बुरा हो सकता है। यह अधिक संक्रामक, या अधिक घातक, या दोनों हो सकता है
◆ कोविड-19 से पहले गिल्बर्ट ने मलेरिया और इन्फ्लुएंजा के एंटीजन का उपयोग करते हुए 10 साल से अधिक समय तक टीकों पर काम किया
◆ ब्रिटेन में रविवार को ‘ओमीक्रोन’ से जुड़े 86 नए मामले सामने आए जिससे देश में इस स्वरूप से जुड़े मामलों की संख्या 246 हो गई है
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