काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण पर दीपों से जगमग होगा उत्तर प्रदेश, शिव के आह्वान के साथ बनारस में होगा लेजर शो
काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद शहर में देव दीपावली का नजारा होगा। इस नजारे को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर की शाम को खिड़किया घाट से अस्सी घाट तक जल विहार करेंगे।
900 करोड़ की लागत से बन रहा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, परिसर में बनेंगे 24 भवन, गंगा तट से जुड़ेगा मंदिर
◆ काशी विश्वनाथ धाम के अलौकिक, ऐतिहासिक और अद्भुत आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दुनिया के तीन हजार विशिष्ट जन साक्षी बनेंगे।
◆ वाराणसी की भव्यता में चार चांद लगाने वाले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम पूरा हो चुका है।
◆ कॉरिडोर का निर्माण कार्य कुछ इस तरह पूरा होगा कि एक वक्त में दो लाख श्रद्धालु आ सकेंगे। परिसर की टेरेस से लोग गंगा भी देख सकेंगे। कॉरिडोर की लागत 900 करोड़ रुपये है।
◆ तराशे गए मकराना मार्बल से सात तरह के पत्थरों से कॉरिडोर को भव्य रूप दिया गया है।
◆ कॉरिडोर 5,27,730 वर्ग फीट भूमि पर बन बनाया गया है।
◆ 30 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। इसके लिए 314 भवनों का अधिग्रहण किया गया है।
◆ पहले पांच हजार वर्ग फीट जमीन भी मुश्किल से मिल पाती थी। दर्शनार्थी कॉरिडोर के बाहरी हिस्से में टेरेस पर खड़े होकर गंगा नदी के साथ ही मणिकर्णिका और ललिता घाट काे भी निहार सकेंगे।
◆ काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में कुल 24 भवन बनाए जा रहे हैं। तीन यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण पूरा हो चुका है।
◆ काशी विश्वनाथ मंदिर के चार प्रवेश द्वार बनाए जा चुके हैं।
◆ कॉरिडोर में कई अहम चीजें भी बनाई जा रही हैं जैसे कि मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी, यात्री सुविधा केंद्र, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक भवन, जलपान केंद्र, अन्न क्षेत्र और दुकानें हैं।
◆ काशी विश्वनाथ सीधे तौर पर गंगा तट से जुड़ चुका है। यहां आने वाले श्रद्धालु गंगा में स्नान या आचमन कर मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं।
◆ मंदिर के चारों ओर एक परिक्रमा पथ भी तैयार किया गया है। इसके अलावा जो प्राचीन मंदिर थे उन्हें भी कॉरिडोर में संरक्षित किया गया है। उन प्राचीन मंदिरों को भी सही करने का काम किया जा रहा है।
बाबा के दरबार और अविरल निर्मल गंगा के मध्य राष्ट्रीयता की प्रतीक भारत माता की मूर्ति भी दिखेगी। कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्ति भी श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य प्रांगण में स्थापित की जाएगी। यही नहीं 1669 में बाबा के दरबार का पुनरोद्धार करने वाली रानी अहिल्याबाई की मूर्ति भी यहां स्थापित होगी।
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