दूरदर्शन के आज 60 साल पूरे, ये धारावाहिक दिलाएंगे आपको पुराने दिनों की याद
60 Glorious Years Of Doordarshan:टेलीविजन के इतिहास में दूरदर्शन ने शानदार 60 साल आज पूरे कर लिए हैं। दूरदर्शन के प्रसारण की शुरुआत 15 सितंबर 1959 को सरकारी प्रसारण के तौर पर हुई थी। इस समय कुछ देर के लिए ही कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता था। लेकिन प्रतिदिन की शुरुआत 1965 में हुई थी। वह भी ऑल इंडिया रेडियो के एक अंग के रुप में। हालांकि दूरदर्शन काराष्ट्रीय प्रसारण 1982 से शुरू हुआ था। जबकि 1972 में यह सेवा मुंबई से अमृतसर तक विस्तारित की गई थी।
वहीं पिछले 60 साल के सफर में दूरदर्शन वर्तमान समय में देश के दूर दराज क्षेत्रों में मौजूद छोटे-बड़े गांव तक पहुंच गया है। लंबे समय से देश का मनोरंजन करने वालेदूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले ये कार्यक्रम आपको आज भी याद आते होंगे।
गुज़रे हुए पल
एक समय था जब लोग टेलीविजन (टीवी) पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को देखने के घरों की छतों पर ऊंचे-ऊंचे एंटीना लगना पड़ते थे, ताकि तस्वीर साफ सुथरी दिखाई दे। घड़ी को बार-बार देखकर प्रोग्राम आने का इंतेज़ार किया जाता था।
प्रोग्राम के वक्त जब टीवी पर तस्वीर धुंधली होनी शुरू हो जाती थी तो कोई एक व्यक्ति छत पर चढ़कर एंटीना को हिलाकर सही करता था। यह सब हमारा एक गुज़रा हुआ पल था। जो समय के साथ वर्तमान युग में बदल गया है। वर्तमान में सबकुछ वायरलेस चल रहा है, लोग रिमोट से प्रोग्राम को देख पा रहे हैं।
ये धारावाहिक आज भी हैं लोगों की पसंद
* बाइस्कोप
* चित्रहार
* हम लोग
* रामायण
* महाभारत
* कसक
* चंद्रकांता
* शक्तिमान
* सरस्वतीचंद्र
* जंगल बुक
* तहकीकात
* विक्रम बेताल
* अलिफ लैला
* देख भाई देख
दूरदर्शन नेटवर्क
* दूरदर्शन के राष्ट्रीय नेटवर्क में 64 दूरदर्शन केंद्र हैं।
* 202 उच्च शक्ति ट्रांसमीटर
* 24 क्षेत्रीय समाचार एकक
* 351 अल्पशक्ति ट्रांसमीटर
* 126 दूरदर्शन रखरखाव केंद्र
* 828 लो पावर ट्रांसमीटर
* 18 ट्रांसपोंडर
* 30 चैनल और डीटीएच सेवा शामिल है।
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